अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन 1

ऋषियों का साक्षत चमत्कार है यह ग्रंथ  – श्री रुड़बर्गन

 

अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन विशेष अतिथि जर्मनी में संस्कृत के विशिष्ट विद्वान श्री रुड़बर्गन महोदय इस अलौकिक ग्रंथ के दर्शन कर अभिभूत हो गए और उन्होने इसे अपने हाथों में लेने का आग्रह श्री  रामगोपाल जी बेदिल से किया.

ग्रंथ अपने हाथों में लेते ही श्री रुडबर्गन महोदय गद्‌गद हो उन्होने कुलगुरु डॉ. पंकज चांदे तथा डॉ. रामभाऊ पुजारी से अनेक जानकारी प्राप्त की. उन्होने कहा मैने जीवन में अनेक ग्रंथ देखे हैं, उनका अध्ययन, चिंतन व मनन किया है. मुझे कल डॉ. चांदे जी ने ‘श्री अग्रभागवत’ की प्रति दी. यह कथा भी अमरता का आधार है और आज अलौकिक मूल ग्रंथ को अपने हाथों में लेकर जो अनुभूतियां प्राप्त की वे अविस्मरणीय रहेंगी. मैने अपने जीवन में पहलीबार देखा है  ऋषियों का साक्षात चमत्कार है यह ग्रंथ. रुडबर्गन महोदय ने श्री बेदिल जी का हार्दिक सत्कार किया.