मनिषियों के मत 6

आज हमारे धर्म पर, देश पर और सारी मानव सभ्यता पर संकट छाया हुआ है.

ऐसे समय ऋषि- कृपा से उपलब्ध यह ग्रंथ ईश्वर के प्रसाद स्वरूप है.

—स्वामी निश्चलानन्द जी
श्री जगतगुरू शंकराचार्य


 
श्री राधाकृष्ण मंदिर नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में पुरी के श्री जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द जी ने श्री अग्र भागवत का लोकार्पण करते हुए कहा कि जब जब हमारे धर्म पर, हमारी संस्कृति पर, हमारे राष्ट्र पर, नैतिकता पर, आचरण पर संकट का वातावरण बनता है तब तब ऐसे ग्रंथ अवतरित होते हैं.

आज हमारे धर्म पर, देश पर और सारी मानव सभ्यता पर संकट छाया हुआ है. ऐसे समय ऋषि- कृपा से उपलब्ध यह ग्रंथ ईश्वर के प्रसाद स्वरूप है.

इसका अध्ययन कर इस पर चिंतन, मनन व आचरण करने से व्यक्ति अपना जीवन सफल बना सकता है. इस अवसर पर उन्होने ग्रंथ के अनुशीलन कर्ता श्री रामगोपाल बेदिल का अपने हार्दिक आशिर्वचनों से अनुग्रहीत किया.

इस अवसर पर श्री गंगारामजी अग्रवाल, श्री श्यामसुदर जी पोद्दार विशेष रूप से उपस्थित थे. श्री गोविन्द पोद्दार ने सभी धर्म प्रेमियों का आभार व्यक्त किया.